QUICK LINKS

Contact Us

Ambulance

  • Toll Free - 108
  • 108

Emergency helpline number

  • Emergency helpline number
  • 112

Dehradun Traffic

देहरादून शहर का संक्षिप्त परिचय

आदिकाल में इस शहर की स्थापना श्री गरूराम राय जी ने  टिहरी नरेश फतेशाह से प्राप्त तीन ग्राम खुड़बुड़ा, राजपुर,और चमासारी के साथ की । इन ग्रामों का अनुदान गुरूराम राय को तात्कालीन मुगल शासक औरंगजेब की संस्तुति पर गढ़देश के राजा ने किया था । गुरूराम राय जी सिक्ख धर्म के सातवें गुरू हरराय जी के सबसे बड़े पुत्र थे ।  गुरूराम राय जी ने धामावाला में अपना डेरा स्थापित किया था । कहा जाता है, उनके दून में डेरा स्थापित करने के बाद ही इस क्षेत्र को देहरादून कहा जाने लगा ।  नवम्बर सन् 1815 को यह क्षेत्र गोरखा नियंत्रण से मुक्त होकर अंग्रेजी नियंत्रण में आया और इसको सहारनपुर जिले का हिस्सा बनाया गया और 1829 को इसे कर्नल यंग के अधीन जिला बनाया गया और मेरठ डिविजन से संबद्ध कर दिया गया । कालान्तर में यह क्षेत्र ब्रिटिशों की प्रमुख पसंद बन गयी थी फलस्वरूप  सितम्बर 1878 में यहां पर इम्पीरियल फॉरेस्ट स्कूल स्थापित किया गया तथा वर्ष 1845 में सर्वे ऑफ इंडिया का मुख्यालय देहरादून को हस्तान्तरित किया । इसी क्रम में 1932 में सैन्य अफसरों के प्रशिक्षण के लिए भारतीय सैन्य अकादमी स्थापित की ।  शिक्षा के क्षेत्र में यहां दयानंद एंग्लों वैदिक सोसाइटी ने 1902ई0 में यहां संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित किया, जो आज डी.ए.वी. कॉलेज के नाम से शिक्षा का एक बड़ा केंद्र है । इसी प्रकार एम.के.पी. (1902), दून स्कूल (1935) जैसे अन्य प्रतिष्ठित स्कूलों की स्थापना हुई । वर्तमान में यह शहर नवगठित उत्तराखण्ड राज्य की राजधानी  के साथ ही शिक्षा का हब, पर्यटन स्थल एवं  राज्य का सबसे बड़ा शहर  है ।

देहरादून शहर का भौगोलिक परिदृश्य

देहरादून जनपद 3088 Sq k.m  में विस्तारित है जनपद की उत्तर सीमा में हिमालय  तथा दक्षिण में शिवालिक पहाड़ियों से घिरा हुआ है  जनपद के पहाड़ियों में  मसूरी, सहस्रधारा, चकराता,लाखामंडल तथा डाकपत्थर जैसे प्रसिद्ध पर्यटन एवं धार्मिक स्थल अवस्थित है इस जनपद के पूर्व में गंगा नदी और पश्चिम में यमुना नदी प्राकृतिक सीमा बनाती है। जनपद देहरादून दो मुख्य भागों में बंटा है जिसमें प्रमुख शहर देहरादून एक खुली घाटी में स्थित है जो शिवालिक तथा हिमालय से घिरा हुआ है और दूसरे भाग में जौनसार बावर है जो हिमालय के पहाड़ी भाग में स्थित है । वही उत्तर पश्चिम में उत्तरकाशी जिले, पूर्व में टिहरी और पौड़ी जिले से घिरा हुआ है। इसकी पश्चिमी सीमा पर हिमांचल प्रदेश का सिरमौर जिला तथा टोंस और यमुना नदियाँ हैं तथा दक्षिण में हरिद्वार जिले और उत्तर प्रदेश का सहारनपुर जिला इसकी सीमा बनाते हैं। जनपद में साक्षरता 78.5 प्रतिशत है, पुरुषों की साक्षरता 85.87 तथा महिला साक्षरता 71.20 प्रतिशत है।  इस जनपद की कुल जनसंख्या 1696694 है जिसमें मैदानी भागों में 65 प्रतिशत की आबादी निवास करती है । देहरादून किसी भी मौसम में आने जाने के लिए सुखद है लेकिन सितंबर-अक्टूबर और मार्च-अप्रैल का मौसम यहाँ आने के लिए सबसे उपयुक्त है । आवागमन के साधन के रूप में बहुत से विकल्प उपलब्ध हैं जिसमें वायुमार्ग से जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट,रेल मार्ग से देहरादून रेलवे स्टेशन के साथ हर्रावाला, रायवाला रेलवे स्टेशन भी उपलब्ध है, जो देश के सभी प्रमुख स्टेशनों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, लखनऊ, वाराणसी समेत सभी बड़े शहरों से जुडा हुआ है । सड़क मार्ग से देहरादून देश के सभी भागों से जु़डा हुआ है तथा देहरादून और उसके पड़ोसी केंद्रों के बीच भी नियमित रूप से बस सेवा उपलब्ध है । राजधानी देहरादून से चारधाम यात्रा हेतु परिवहन सेवा के रूप में हर प्रकार के साधन उपलब्ध है । देहरादून से श्री बद्रीनाथ धाम की दूरी 335.9 किमी है तथा श्री केदारनाथ 254 किमी है इसी प्रकार देहरादून शहर से गंगोत्री धाम की दूरी 241.8 किमी तथा यमनोत्री की दूरी 175 किमी है ।

देहरादून शहर का यातायात परिदृश्य

देहरादून शहर देश के  प्राचीन शहरों में शामिल है तथा ब्रिटिशकालीन में एक महत्वपूर्ण सैन्य नगरी का मुख्य केन्द्र रहा है स्वाभाविक है कि प्राचीननकाल से ही आवागमन इस शहर  में बना रहा है । 9 नवम्बर 2000 में उत्तरप्रदेश राज्य से उत्तराखण्ड राज्य के पृथक होने के उपरान्त देहरादून शहर को उत्तराखण्ड राज्य की अस्थायी राजधानी बनायी गई । राज्य की राजधानी होने के फलस्वरूप इस शहर का तीव्र गति से विकास हुआ और परिवहन सेवा के रूप में वाहनों की दिन प्रतिदिन बढोत्तरी होती गई नतीजन यह है कि वर्तमान समय में देहरादून शहर के अन्दर  ऑटो(2352), ई-रिक्शा (1596), विक्रम(794) सिटी बस (259) के अलावा अन्य वाहनों का आवागमन बहुतायत में बना रहता है ।  परिवहन विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार देहरादून जनपद में वाहनों के वर्षवार पंजीकरण का विवरण निम्न प्रकार हैः-

 

वर्ष

पंजीकृत वाहनों की संख्या

2000

1,75690

2005

2,82,987

2010

4,55,082

2015

7,31,237

2020

10,19,734

 

 

      उपरोक्त आंकड़ों से स्पष्ट है कि प्रतिवर्ष वाहनों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है जबकि शहर की भौगोलिक परिस्थितियां तथा सड़कों की स्थिति में अपेक्षित सुधार होना बाकी है । आज भी देहरादून शहर के अन्दर बहुतायत संख्या में स्कूल/कॉलेज अवस्थित है । इन स्कूल/कॉलेजों के छूटने के समय पर शहर के अन्दर वाहनों की संख्या में एकाएक वृद्धि होने से यातायात का दबाव बढ़ना स्वाभाविक है, जिसके लिए समय रणनीति के आधार पर यातायात / सीपीयू के साथ ही निकटतम थाना पुलिस को यातायात प्रबंधन हेतु नियुक्त किया जा रहा है । देहरादून शहर क्षेत्रान्तर्गत राज्य की विधानसभा तथा सचिवालय भी अवस्थित है जहां पर आये दिन विभिन्न मांगों को लेकर लोगों द्वारा रैली/धरना/प्रदर्शन /जुलूस का आयोजन किया जाता है । इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित होने से यातायात का प्रभावित होना लाजमी है । इसके अतिरिक्त सार्वजनिक परिवहन सेवा के रूप में संचालित सिटी बस/विक्रम/मैजिक/ऑटो/ई-रिक्शा की संख्याओं को शहर के अन्दर सीमित किये जाने की भी चुनौती है । विदित हो कि देहरादून शहर भारत सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल है,जिसके अन्तर्गत सड़क सुधारीकरण के साथ-साथ सार्वजनिक परिवहन को भी स्मार्ट बनाया जाना है इस परियोजना के पूर्ण होने पर शहर की यातायात व्यवस्था को नई दिशा मिल सकेगी।