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Dehradun Traffic

देहरादून शहर का यातायात परिदृश्य

देहरादून शहर देश के  प्राचीन शहरों में शामिल है तथा ब्रिटिशकालीन में एक महत्वपूर्ण सैन्य नगरी का मुख्य केन्द्र रहा है स्वाभाविक है कि प्राचीननकाल से ही आवागमन इस शहर  में बना रहा है । 9 नवम्बर 2000 में उत्तरप्रदेश राज्य से उत्तराखण्ड राज्य के पृथक होने के उपरान्त देहरादून शहर को उत्तराखण्ड राज्य की अस्थायी राजधानी बनायी गई । राज्य की राजधानी होने के फलस्वरूप इस शहर का तीव्र गति से विकास हुआ और परिवहन सेवा के रूप में वाहनों की दिन प्रतिदिन बढोत्तरी होती गई नतीजन यह है कि वर्तमान समय में देहरादून शहर के अन्दर  ऑटो(2352), ई-रिक्शा (1596), विक्रम(794) सिटी बस (259) के अलावा अन्य वाहनों का आवागमन बहुतायत में बना रहता है ।  परिवहन विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार देहरादून जनपद में वाहनों के वर्षवार पंजीकरण का विवरण निम्न प्रकार हैः-

 

वर्ष

पंजीकृत वाहनों की संख्या

2000

1,75690

2005

2,82,987

2010

4,55,082

2015

7,31,237

2020

10,19,734

 

 

      उपरोक्त आंकड़ों से स्पष्ट है कि प्रतिवर्ष वाहनों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है जबकि शहर की भौगोलिक परिस्थितियां तथा सड़कों की स्थिति में अपेक्षित सुधार होना बाकी है । आज भी देहरादून शहर के अन्दर बहुतायत संख्या में स्कूल/कॉलेज अवस्थित है । इन स्कूल/कॉलेजों के छूटने के समय पर शहर के अन्दर वाहनों की संख्या में एकाएक वृद्धि होने से यातायात का दबाव बढ़ना स्वाभाविक है, जिसके लिए समय रणनीति के आधार पर यातायात / सीपीयू के साथ ही निकटतम थाना पुलिस को यातायात प्रबंधन हेतु नियुक्त किया जा रहा है । देहरादून शहर क्षेत्रान्तर्गत राज्य की विधानसभा तथा सचिवालय भी अवस्थित है जहां पर आये दिन विभिन्न मांगों को लेकर लोगों द्वारा रैली/धरना/प्रदर्शन /जुलूस का आयोजन किया जाता है । इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित होने से यातायात का प्रभावित होना लाजमी है । इसके अतिरिक्त सार्वजनिक परिवहन सेवा के रूप में संचालित सिटी बस/विक्रम/मैजिक/ऑटो/ई-रिक्शा की संख्याओं को शहर के अन्दर सीमित किये जाने की भी चुनौती है । विदित हो कि देहरादून शहर भारत सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल है,जिसके अन्तर्गत सड़क सुधारीकरण के साथ-साथ सार्वजनिक परिवहन को भी स्मार्ट बनाया जाना है इस परियोजना के पूर्ण होने पर शहर की यातायात व्यवस्था को नई दिशा मिल सकेगी।